Sunday, July 16, 2017

सरस्वती माता जी की आरती

सरस्वती माता जी की आरती

कज्जल पुरित लोचन भारे स्तन युग शोभित मुक्त हारे,
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते भगवती भारती देवी नमस्ते ॥

जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता,
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥
जय सरस्वती माता ॥

चंद्रवदनि पदमासिनी घुति मंगलकारी,
सोहें शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥
जय सरस्वती माता ॥

बायेँ कर में वीणा दायें कर में माला,
शीश मुकुट मणी सोहें गल मोतियन माला ॥
जय सरस्वती माता ॥

देवी शरण जो आयें उनका उद्धार किया,
पैठी मंथरा दासी रावण संहार किया ॥
जय सरस्वती माता ॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो,
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥
जय सरस्वती माता ॥

धुप दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो,
ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥
जय सरस्वती माता ॥

माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें,
हितकारी सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥
जय सरस्वती माता ॥

जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता,
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता ॥

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